यह वक़्त न ठहरा हैं ,
यह वक़्त न ठहरेगा ,
यूही गुज़र जायेगा
घबराना कैसा ???
हिम्मत से काम लेंगे ....
घबरान कैसा???

सागर के सीने से ,
पाए हैं जग मोती !
लहरे कभी पल्काए...घबराना कैसा?
हिम्मत से काम लेंगे ॥
घबराना कैसा???


यह महक गुलाबों की ,
महकाती हैं गुलशन ,
काँटा कभी लग जाए
घबराना कैसा???
हिम्मत से काम लेंगे ...
घबराना कैसा???


यह सुख दुःख जीवन में,
आते और जाते हैं ,
दुःख पहले आ जाए ,
घबराना कैसा???
हिम्मत से काम लेंगे ॥ घबराना कैसा???


इसीलिए मेरे प्यारे दोस्त ,
किसी भी काम करने के लिए ,नहीं घबराएंगे और हिम्मत से हर कदम को एक अच्छी जोश के सात आगे बढायेंगे..


जय गुरुदेव ,
प्यार से,
अमुल्या